गीतकार : राजेन्द्र कृष्ण | राग : |
चित्रपट : देख कबीरा रोया (१९५७) | संगीतकार : मदन मोहन |
भाव : प्रेम | गायन : मन्ना डे |
कौन आया मेरे मन के द्वारे,
पायल की झंकार लिये,
कौन आया मेरे मन के द्वारे,
पायल की झंकार लिये,
कौन आया॥स्थायी॥
आँख ना जाने, दिल पहचाने,
आँख ना जाने, दिल पहचाने,
सूरतिया कुछ ऐसी।
आँख ना जाने, दिल पहचाने,
सूरतिया कुछ ऐसी।
याद करूँ तो याद ना आये,
मूरतिया ये कैसी।
पागल मनवा सोच में डूबा,
सपनों का संसार लिये॥१॥
कौन आया मेरे मन के द्वारे,
पायल की झंकार लिये,
कौन आया।
इक पल सोंचूँ मेरी आशा,
रूप बदल कर आयी,
इक पल सोंचूँ मेरी आशा,
रूप बदल कर आयी,
दूजे पल फिर ध्यान ये आये,
हो ना कहीं परछाई।
जो परदेसी के घर आयी
एक अनोखा प्यार लिये॥२॥
कौन आया मेरे मन के द्वारे,
पायल की झंकार लिये,
कौन आया।
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